17 जनवरी 2013

ब्लाग क्यों

                        

                       ब्लाग क्यों 
 
   मैं ंएक कवि ,लेखक और प़ाध्यापक होने के  नाते अनेक विषयों पर चिन्तन करता रहा हूँ । 
उस के परिणाम मेरी पुस्तकों में प़कट  हुए हैं ।पर मैं ने देखा कि पुस्तकों के प़काशन में अनेक 
कठिनाइयाँ हैं क्यों कि प़काशन प़काशकों पर निर्भर है जो प़ाय: नए लेखकों की पुस्तकें 
नहीं ंछापते या पैसा ले कर ंछापते हैं । पत्रिकाओं  में भी गुटबन्दी  काम करती है । नया लेखक 
कहाँ जाए । लेखकों की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है ।उन के लिंए ब्लाग एक शरणस्थल
है ।
    अब हिन्दी में लगंभग बीस हज़ार ब्लाग चल रहे हैं जो लेखकों की ंआवश्यकता को पूरी
करते हैं ।  फिर भी नंए ब्लाग की ज़रूरत महसूस करते हुंए मैं ने चिन्तनपल  शुरु किया ।
मित्रों शुभचिन्तकों  के सहयोग को आमंत्रित करता हूँ ।
    अपनी रचनांएं ईमेल से ंभेजने की कृपा करें ।
  - डा सुधेश  ३१४ सरल अपार्टमैैंट्स , द्वारिका  सैैक्टर १० 
     नई दिल्ली ११००७५  फ़ोन  ०९३५०९७४१२०
ईमेल  drsudhesh@gmail.com

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