17 जनवरी 2013

Sahityayan. साहित्यायन : कुछ कविताएँ

Sahityayan. साहित्यायन : कुछ कविताएँ:                    मखमली  आलोचना ऊँची कुर्सी पै धरे  बौने  की छोटी छोटी कवितायें महान लगती हैं  सरकारी आलोचक को  जिस की बाज़आंखें...

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